क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर मास्टर ब्लास्टर के नाम से मशहूर बल्लेबाज हैं इनका जन्म 24 अप्रैल 1973 मुंबई मे हुआ था सचिन तेंदुलकर का पूरा नाम सचिन रमेश तेंदुलकर है यह विश्व क्रिकेट मे 100 शतक लगाने वाले एक मात्र बल्लेबाज है जिन्होंने ने मात्र 14 साल की उम्र मे एक स्कूल मैच के दौरान 664 रन की साझेदारी में 329 रन बनाए थे जो उस समय एक विश्व रिकॉर्ड साझेदारी थी उन्होंने भारत की प्रमुख घरेलू चैंपियनशिप रणजी ट्रॉफी में अपने पहले मैच में शतक बनाया था । सचिन ने मात्र ग्यारह साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू किया था 15 नवंबर 1989 को सोलह साल की उम्र में कराची में पाकिस्तान के खिलाफ टेस्ट मैच में अच्छा प्रदर्शन किया और 24 साल से अधिक समय तक घरेलू स्तर पर mumbai और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंडिया का प्रतिनिधित्व करते रहे।
सचिन रमेश तेंदुलकर के रोचक किस्से
सचिन ने अपनी पढ़ाई मुबई के इंडियन एजुकेशन साइट न्यू इंग्लिश स्कूल बांद्रा और दादर में उपस्थित शिक्षा शरदाश्रम विद्यामन्दिर हाईस्कूल सचिन रमेश तेंदुलकर को क्रिकेट का जॉर्डन भी कहा जाता है सचिन लेग स्पिन ,और ऑफ स्पिन से गेंदबाजी भी करते थे सचिन बचपन से ही क्रिकेट खेलने मे माहिर थे उनकी इस कला को उनके बड़े भाई ने पहचाना और वही उनको 1984 मे शिवाजी पार्क (दादर) मुंबाई मे रमाकांत आचरेकर से उनका परिचय कराया जो की वहाँ के क्रिकेट कोच थे जब वे पहली बार अपने कोच के सामने प्रदर्शन किए तो वे अच्छा नहीं कर पाए जिसके बाद उनके बड़े भाई उनके बड़े भाई ने कोच रमाकांत से कहा की वो कोच के डर की वजह से अपना स्वाभाविक खेल नहीं खेल सके तब दूसरी बार रमाकांत ने उनके खेल को छुपकर देखा तो सचिन ने अच्छा खेला जिसे देखने के बाद उन्होंने उनको अपने under ले लिया
करिएर की शुरुआत
15 नवम्बर 1989 मे सचिन मात्र 16 साल की उमर मे अपने विपक्षी टीम पाकिस्तान के खिलाफ खेलने के लिए उन्हे भारतीय टीम शामिल किया गया था और वे भारत के सबसे कम उम्र मे एक टेस्ट cricketer बन गए उस मैच मे वे मात्र 15 रन बनाकर वकार यूनुस की गेंद पर बोल्ड हो गए इसके बाद उन्होंने अपना अगला मैच 18 दिसम्बर 1889 को पाकिस्तान के ही खिलाफ खेला था पर ये उनका वनडे डेब्यू था उस मैच मे भी सचिन वकार की गेंद पर शुन्य रन पर आउट हो गए
इसके बाद सचिन तेंदुलकर ने 14 अगस्त 1990 को इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मैच शतक जड़कर अपनी टीम को जिताया था इसके बाद वे 1992 मे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ नाबाद 148 रनों की पारी खेली उन्होंने जिस पिच पर यह पारी खेली थी वह पिच काफी उछाल भरी थी वो टेस्ट मे दूसरे सबसे कम उम्र मे शतक जड़ने वाले खिलाड़ियों मे से एक थे
1994 मे श्रीलंका मे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 78 मैचों के बाद सचिन के बल्ले से उनका पहला एकदिवशीय शतक आया 1996 मे होने वाले विश्व कप मे सचिन 523 रनों के साथ टूर्नामेंट मे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बने 1996 मे सचिन टीम इंडिया का कप्तान चुना गए पर उनकी कप्तानी मे इंडिया कुछ खास नहीं कर सकी उनकी कप्तानी मे जो उन्होंने टेस्ट और वनडे matches खेले थे उसमे उनका जीत का प्रतिशत क्रमशः 16% और 31% ही था सचिन ने मात्र डेढ़ साल मे ही इंडिया की कप्तानी छोड़ दी
सचिन तेंदुलकर की उपलब्धियाँ
2003 के वर्ल्ड कप मे सचिन काफी बड़िया लय मे थे जिसके कारण इंडिया फाइनल मे पहुँच गई पर वह फाइनल मे ऑस्ट्रेलिया से हार गई लेकिन सचिन Player Of The Tournament चुने गए
पर 2004 मे टेनिस एल्बो की दिक्कत के कारण वह क्रिकेट से दूर रहे जिसके कारण वह लगभग अवसाद मे चले गए सचिन को लगा की वे क्रिकेट कभी नहीं खेल पायेंगे लेकिन उन्होंने अपनी वापसी 2005 मे इतिहास रचकर किया उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ अपना 35 वां शतक लगाकर रिकार्ड बनाया
जून 2007 मे उन्होंने South Africa के खिलाफ मैच खेलते हुए वे वनडे अंतरराष्ट्रीय 15000 रन बनाने वाले पहले खिलाड़ी बने 2010 मे सचिन ने पहली बार वनडे क्रिकेट मे 200 रनों का आकडा पार किया वनडे मैच की एक पारी मे दोहरा शतक बनाने वाले पहले खिलाड़ी बने उन्हे 2010 मे आईसीसी क्रिकेटर ऑफ द इयर से नामित किया गया
जब इंडिया ने 2011 मे T20 वर्ल्ड कप जीता था तो उसमे सचिन तेंदुलकेर भी शामिल थे सचिन अपने करियर का पहला कप जीता था और फिर उन्होंने साल 2012 मार्च मे बांग्लादेश के खिलाफ वनडे क्रिकेट मे अपना 100 वां वनडे अंतरराष्ट्रीय शतक लगाकर सबसे बड़ा रिकार्ड अपने नाम कर लिया जिसमे 51 शतक उन्होंने टेस्ट मैच मे और 49 शतक वनडे मैच मे लगाए थे और वे ऐसा करने वाले पहले बल्लेबाज बने
18 मार्च 2012 मे इंग्लैंड के खिलाफ मैच खेलने के बाद उन्होंने सीमित ओवर प्रारूप से सन्याश ले लिया और फिर वे 2013 मे 16 नवम्बर को टेस्ट से भी सन्याश ले लिया और उनके द्वारा 24 साल तक का क्रिकेट करियर समाप्त हो गया सचिन ने अपना आखिरी टेस्ट मैच वेस्टनडीस के खिलाफ वानखेड़े स्टेडियम मे खेला था जिसमे उन्होंने अपनी आखिरी पारी मे 74 रनों की पारी खेली थी
सचिन तेंदुलकर को 1994 मे अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था और सचिन को 1999 मे उनको पद्म श्री से नवाजा गया और फिर उनको सन 2014 मे भारत के सबसे बड़े पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया है ।
your article is really very good
जवाब देंहटाएं