Kapil Dev Biography In Hindi - कपिल देव की जीवनी

 कपिल देव का पूरा नाम कपिल देव रामलाल निखंज है जिन्हे हम सब कपिल देव के नाम से जानते हैं कपिल देव ने 15 जून 1983 मे भारत को पहला वर्ल्ड कप जीताया था कपिल देव की ही कप्तानी मे भारत ने अपना पहला वर्ल्ड कप जीता था आज कपिल देव की जीवनी की चर्चा करेंगे कपिल देव का जन्म 6 जनवरी 1959 को  चंडीगढ़,भारत मे हुआ था कपिल देव भारत के महान ऑलराउंडरो मे से एक है कपिल देव दाहिने हाथ के बल्लेबाज और दाहिने हाथ के खतरनाक गेंदबाज थे कपिल देव ने बहुत से रिकार्ड बनाए हैं और ना जाने कितने रिकार्ड तोड़े हैं वे टेस्ट क्रिकेट में 434 विकेट लिए हैं और 5,000 से ज़्यादा रन बनाए हैं।

Kapil Dev Biography In Hindi
 Kapil Dev Biography In Hindi

 कपिल देव की जीवनी 

कपिल देव के करियर की शुरुआत 

कपिल देव ने नवंबर 1975 में पंजाब के खिलाफ हरियाणा के साथ क्रिकेट में अपना करियर शुरू किया 1976-77 सीजन मे जम्मू और कश्मीर के खिलाफ़ उन्होंने जीत में 8/36 का मैच हॉल हासिल किया था। अपने इस प्रदर्शन के बाद कपिल ने और मैचों मे भी काफी अच्छा प्रदर्शन किया। इसके बाद 1990-91 के रणजी सीजन मे अमरजीत केपी की बल्लेबाजी और चेतन शर्मा के गेंदबाजी के कारण हरियाणा सेमीफाइनल मे पहुँच गई इस सेमीफाइनल मे कपिल ने 141 रनों की शानदार पारी खेली और इसी के साथ उन्होंने 5 विकेट भी लिए और टीम का स्कोर 605 रनों पर पहुँचा दिया 

1991 के फाइनल सीजन मे हरियाणा के लिए दीपक शर्मा ,अजय जडेजा ,और चेतन शर्मा ने क्रमशः (199),(94),(98) रन बनाकर अपनी टीम को 522 रनों के स्कोर तक पहुँचाने मे मदद की और हरियाणा के गेनबाजों ने भी कुल 8 विकेट लिए जिसमे से योगेंद्र भण्डारी के 5 विकेट और कपिल देव के 3 विकेट शामिल थे जिससके चलते उन्होंने बॉम्बे पहली पारी मे 410 रनों पर रोक दिया । कपिल ने 41 और बेनर्जी ने 60 के महत्वपूर्ण योगदान के कारण हरियाणा 242 रनों तक पहुँचाया और बॉम्बे को 355 रनों का लक्ष्य दिया सचिन तेंदुलकर के आउट होने के बाद हरियाणा ने 102 रन पर अंतिम 6 विकेट चटका लिए और वेंगसरकर तथा बॉम्बे लक्ष्य से 3 रन पीछे रह गए। और हरियाणा यह महत्वपूर्ण मैच जीत गई । कपिल ने अपनी पहली रणजी ट्रॉफी जीती और इसके बाद वे कोई रणजी ट्रॉफी नहीं जीते थे  

कपिल देव के करियर की शुरुआत

कपिल देव का डैब्यू फैसलाबाद मे 16 अक्टूबर 1978 को पाकिस्तान के खिलाफ एक टेस्ट मैच के दौरान हुआ था कपिल देव के तीखे बाउन्सर से पाकिस्तानी बल्लेबाज होश उड़ गए जो एक से अधिक बार उनके हेलमेट पर लगी थी  कपिल देव ने अपनी ट्रेडमार्क आउटस्विंगर से सदिक मोहम्मद का पहला विकेट लिया था जब वेस्टनडीस का दौरा समाप्त हुआ तब कपिल ने दिल्ली मे फिरोज शाह कोटला में सिर्फ 124 गेंदों में अपना पहला टेस्ट का शतक बनाया जिसमे कुल 126 ) रन शामिल थे
उन्होंने अपना पहला 5 विकेट हॉल और इंग्लैंड के सभी विकेट लिए, हालांकि यह एक बड़ी कीमत पर आया उन्होंने 48 ओवर मे 146 रन दिया और इंग्लैंड ने 633 रन बनाए और मैच जीत लिया।

1983 वर्ल्ड कप :

1979 के विश्व कप मे भारत ने खराब प्रदर्शन किया जिसके कारण किसी को भी भारत से वर्ल्ड कप की  उम्मीद नहीं थी पर 1983 वर्ल्ड कप मे भारत के यशपाल शर्मा ने 89 रन बनाए और रवि शास्त्री ने 3 विकेट हासिल किए और रोजर बिन्नी ने भी 3 विकेट लिए की बदौलत भारत ने वेस्टइंडीज को विश्व कप में पहली हार दिया । जिंबॉम्बे के खिलाफ जीत के बाद  भारत अगले दो मैच हार गया और फिर भारत को सेमीफाइनल में आगे बढ़ने के लिए ऑस्ट्रेलिया और जिम्बाब्वे के खिलाफ जीत की जरूरत थी।
18 जून 1983 को जिंबॉम्बे के खिलाफ भारत का मैच रॉयल टुनब्रिज वेल्स के नेविल ग्राउन्ड पर हुआ था जिसमे भारत पहले बल्लेबाजी कर रहा था भारत की शुरुआत कुछ खास नहीं रही कपिल देव ने निचले क्रम के बल्लेबाजों के साथ बल्लेबाजी करते हुए रोजर बिन्नी ने  (22 रन) और मदन लाल की मदद से टीम के स्कोर को आगे बढ़ाया  कपिल देव ने 72 गेंदों मे अपना अर्धशतक पूरा किया और फिर वे लंच के बाद अपनी पारी को रफ्तार दी और 100 गेंदों मे अपना शतक पूरा किया और उन्होंने अंतिम के 38 गेंदों मे 75 रन बनाए और उन्होंने 9 वें विकेट के लिए 126 रनों की साझेदारी की जो की एक विश्व रिकार्ड बना दिया जो 27 साल के लिए एक विश्व रिकार्ड था 
भारत का सेमीफाइनल मैच इंग्लैंड के खिलाफ हुआ भारत ने इंग्लैंड को 213 रनों पर समेट दिया जिसमे से कपिल देव ने 3 विकेट लिया और अमरनाथ और बिन्नी ने भी शुरुआत के विकेट चटकाए और भारत ने उस मैच मे मजबूत बल्लेबाजी की जिसमे से यशपाल के 61 और अमरनाथ के 46 और संदीप पाटिल के 51 रन बनाए और भारत यह मैच जीत गई
भारत का फाइनल वेस्टइंडीज के खिलाफ हुआ था जिसमे वेस्टइंडीज ने भारत को 183 रन पर समेट दिया जिसमे से श्रीकांत के 38 रन शामिल थे भारत ने वेस्टइंडीज को 76/6 पर सिमटा दिया हालांकि विव रिचर्ड्स ने पारी को संभालने की कोशिश की पर वो कुछ ज्यादा नहीं कर पाए वेस्टइंडीज मात्र 140 रन पर ऑल आउट हो गया जिसमे अमरनाथ ने माइकल होल्डिंग का अंतिम विकेट लिया और भारत ने यह वर्ल्ड कप जीत लिया और यह जीत भारत की एतिहासिक जीत थी 
Kapil Dev Biography In Hindi
जैल सिंह के साथ कपिल देव 
 कपिल देव ने अपना आखिरी अन्तर्राष्ट्रीय मैच 1992 के वर्ल्ड कप मे मोहम्मद अजहरुद्दीन के कप्तानी मे खेला था कपिल देव ने 1994 मे अन्तर्राष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास ले लिया उन्होंने अपना आखिरी मैच नई न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था

उपसंहार - कपिल देव की जीवनी को हमने आपको सरल शब्दों मे बताने का प्रयाश किया है अगर इस लेख मे कोई हमारे द्वारा त्रुटि हुई हो तो हमसे  comment के जरिए साझा कर अपनी राय जरोर शेयर करे लेख को पूरा पढ़ने के लिए धन्यवाद |

FAQ :

QUESTION :कपिल देव ने 1983 वर्ल्ड कप मे कौन स रिकार्ड तोड़ा था ?

ANSWER: कपिल देव ने 1983 मे 18 जून को जिंबॉम्बे के खिलाफ नाबाद 175 रनों की रिकार्ड तोड़ पारी खेली थी उन्होंने अपनी टीम को अपनी इस शानदार पारी से अपनी टीम को मैच जिताया था 


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